7 अउ भक्ति हे भाईचारा के बिस्वास अउ भाईचारा के बिस्वास हे माया बढाउत जा।
भाई-भाई हे जसना माया होथै, ओसनेन अक दूसर लग माया रखा, अपनै हे अक दूसर के इज्जत करा अउ अक दूसर लग बढ चढके करा।
इहैनिता जब तक मउका मिलै हम सबझन के संग निक्खा करी, खासतोर करके बिस्वास करै बाले भाई के संग।
पय सब लग बडी बात हइ हबै कि आपस हे माया भाव बनाय रखा, ऊ सब कुछ अकजुट हे बंधर के परिपूरता तक पहुंचा देथै।
अउ परभु असना करे कि जउन मेर हम तुम्हर लग माया करथन, ओसनेन तुम्हरो माया अक दूसर लग अउ सब के संग बढतै अउ उन्नत करत जा।
तुम हइ बात के धियान देया, कि बुराई के बदला बुराई झइ करा, पय हरमेसा अक दूसर के अउ सब मनसेन के भलाई करै के परयास करा।
भाईचारा माया अक दूसर लग बने रहै।
तुम आदेस मान के सत्य के गरहन करे हबा अउ हइ मेर बिना कपट के हरमेसा माया के निता अपन आतमा के पवितर के लय हबै, इहैनिता अब तुमही सुध्द हिरदय अउ तन-मन लगाय के अक दूसर लग माया करै चाही।
सबझन भगवान लग डरा, भाई बेहन लग माया करा, भगवान हे बिस्वास रखा अउ राजा के इज्जत करा।
आखरी हे हइ तुम सब के सब अक्ठी मन अउ किरपालू अउ भाईचारा के मेर रखा, अपन हे माया रखा, करुनामय अउ नरम बना।
हम जानथन कि मरै लग पार हुइके जीवन हे पहुंचे हबन, काखे हम भाई बेहन लग माया करथन, जउन माया नेहको करथै ऊ मरै के दसा हे रथै।
मसीह हमार निता अपन जीवन छांड दय हबै, इहै लग हम जान गय हबन कि माया का हबै? हमु के अपन भाइन के निता अपन परान दइ दे चाही।
मसीह लग हमके हइ आदेस मिले हबै ऊ जउन भगवान कर माया करथै, उके अपन भाई लग माया करै चाही।