“हे ढोंगहा गुरू अउ फरीसी तुमही लानत हबै, तुम मनसेन के निता स्वरग राज कर दूरा के बन्द करथा, न खुद ओहमा घुसथा अउ न उनही जाय देथा, जउन जाय के निता परयास करथै।”
हे भाई अउ बेहन परभु यीसु मसीह के नाम हे तुमके आदेस देथन कि तुम असना हर मनसे लग दुरिहां रहा, जउन रीति रिबाज हे नेहको चलथै, जउन हमर दवारा दय गय ग्यान के पालन नेहको करथै।
इहै मेर मंडली के सेबकन के इज्जत के काबिल होमै चाही, जेखर सब्द हे बिस्वास करे जा सके, दारू हे ओखर मन झइ लगै चाही, बेकार रास्ता लग उके धन कमामै के लालची झइ होमै के चाही।
उन लालच हे तुमही अपन मन गडन्त बातन हे फसाय के तुम्हर लग बेकार फायदा उठाही, उनखर निता नियाव सजा पहिले लग तय हुइ चुके हबै, अउ ऊ उनखर पाछू करत हबै, उनखर नास सोय हर नेहको हबै।
काखे ओखर गलत काम के भयंकर दारू के कारन सगला कुर गिर गय हबै, अउ भुंइ के राजा ओखर संग गलत काम करे हबै अउ भुंइ के बनिया ओखर सुख-बिलास के कारन बोहत धन्नड हुइ गय हबै।”