14 इहैनिता मै हइ चाहथो कि जबान बिधवा काज करै, अउ लरका पइदा करै अउ घर गिरस्ती संभालै, अउ कउनो बैरी के बुराई करै के मउका झइ दे।
इहैनिता हम अक दूसर के दोस लगामै के छांडके अपनै हे निहचित के लेय कि कउनो अपन भाई के गली हे ठोकड के कारन पइदा झइ करै अउ न जाल बिछामै।
मै जउन करत आउथो अउ उहै करत जइहों, जेखर लग चेलन के हइ बात हे गर्व करै के मउका झइ मिलै कि ऊ परचार काम हे मोर बरोबर हबै।
इहैनिता मै चाहथो कि हर जिघा हे डउका, बेगैर गुस्सा के अउ बेगैर झगडा के, भगवान के पवितर हाथन के उठाय के बिनती करे करै।
जउन काज करै लग रोके, अउ भोजन के कुछ चीजन ले परे रहै के आदेस दइहिन, जिनके भगवान इहैनिता रचे हबै कि बिस्वास करै बाले अउ सही के चीन्हे बाले उनके धन्यबाद के संग खाय।
कम उमर के जबान बिधवन के नाम झइ लिखे जाय, कारन हइ हबै कि जब उनखर वासना उनके मसीह लग दुरिहां करथै, ता ऊ काज करै चाहथै।
जउन मनसे हे गुलाम के जुंवा धरे हबै, ऊ अपन मालिक के सबैमेर के ईज्जत के काबिल समझे, जेखर लग भगवान के नाम अउ मंडली के उपदेस के बुराई झइ होय।
अउ संयमी, पवितर घर के कारोबार करै बाले, निक्खा अउ अपन-अपन डउका के बात के मानै बाले होय, ताकि भगवान के बचन के बुराई झइ होय।
अउ सही बोल चाल होय, जेही कउ गलत झइ कहि सकै, ताकि तुम्हर बैरी सरमिन्दा होय, अउ तुम्हर पल्ला कहै के निता उनखर लिघ्घो कुछु सब्द झइ होय।
काज सब हे इज्जत के बात समझा अउ काज के डेसना सुध्द निरमल रहै, काखे भगवान बेभिचार करै बालेन के अउ पराय डउकिन के नियाव करही।