जउन कउ मनसे कर टोरवा के बिरोध हे अगर कुछ कथै, ता उके छमा करे जा सकथै, पय पवितर आतमा के बिरोध हे कुछु कइहीं ता उके छमा नेहको करे जही न तो हइ दुनिया हे अउ न स्वरग हे।
“खाना हमही भगवान के लिघ्घो नेहको पहुंचाय सकथै।” अगर हम मूरती हे चढाय हर परसाद नेहको खाबो ता ओखर लग हमही कउनो नुसकान नेहको, अउ अगर हम ऊ परसाद के खथन, ता ओखर लग हमही कउनो फायदा नेहको होही।
हइ बात सही हबै, अउ मै चाहथो, कि तै हइ बातन के बारे हे हिम्मत लग बोल इहैनिता कि जिनही भगवान हे बिस्वास करे हबै, उन निक्खा-निक्खा कामन हे लगे रहै, हइ बात निक्खा हबै अउ मनसेन के निता फायदा हबै।
कइन मेर के सिक्छा के बहकाबा हे झइ बहि जइहा, काखे मन के निता सही हबै कि ऊ अनुगरह के दवारा मजबूत करे जाय न कि खाय पिये के चीज लग, खाना पीना के रीति रिबाज के दवारा कउनोन के फायदा नेहको हुइस।
जउन जीत पाही उके मै अपन भगवान के मन्दिर हे अक्ठी खम्भा बनाहुं। अउ ऊ फेर कबहुन बाहिर नेहको निकडही अउ मै अपन भगवान के नाम अउ अपन भगवान के सहर मतलब नबा यरुसलेम के नाम, जउन मोर भगवान के लिघ्घो लग स्वरग लग उतरै बाले हबै अउ अपन नबा नाम ओखर उप्पर लिखहुं।