पय तुम चेतन्न रइहा, काखे मनसे तोके मंडली हे सोप देही, अउ तुमही मंडली हे पिटही, मोर नाम के चलते तुमही राजपाल अउ राजा के आगू ठाढ करही, कि उनखर निता गवाह होय।
पय मै भगवान के मदद लग मै आज तक बने हव अउ नान बडे सबके आगू गवाही देथो, अउ उन बातन के छांड कुछ नेहको कथो जउन मूसा आगू कर बात गुठे हबै, उनखर लग अधिक मै कुछु नेहको कथो।
भगवान अपन दिमाक के जसना कबहुं हइ नेहको चाहिस कि हइ दुनिया अपन ग्यान के दवारा भगवान के झइ चीन सकै। इहैनिता भगवान संदेस के परचार मूरखन के दवारा बिस्वास करै बाले के मुकति दे।
उके बचन हे बिस्वास हे बने रहै चाही, जसना उके सिक्छा दय गय रहिस, ताकि मनसे के सही सिक्छा दइके उनही सिखाय सकै, अउ बचन के बिरोध हे बहस करै बाले के बिस्वास देबाय सकै।
कइन मेर के सिक्छा के बहकाबा हे झइ बहि जइहा, काखे मन के निता सही हबै कि ऊ अनुगरह के दवारा मजबूत करे जाय न कि खाय पिये के चीज लग, खाना पीना के रीति रिबाज के दवारा कउनोन के फायदा नेहको हुइस।