जिनखर मालिक बिस्वासी हबै, ऊ अपन मालिक के बेज्जती झइ करै कि अब तो ऊ उनखर जसना बिस्वासी भाई हबै, ऊ अब उनखर सेबा अउ जादा मन लगाय के करै, काखे ऊ जउन सेबा लग फायदा उठाउत हबै, संगी बिस्वासी अउ पिरिया हबै, उनके इनही सिधान्त के सिक्छा अउ उपदेस दय करा।
हइ बात सही हबै, अउ मै चाहथो, कि तै हइ बातन के बारे हे हिम्मत लग बोल इहैनिता कि जिनही भगवान हे बिस्वास करे हबै, उन निक्खा-निक्खा कामन हे लगे रहै, हइ बात निक्खा हबै अउ मनसेन के निता फायदा हबै।