जसना कि मनसे कर टोरवा ऊ इहैनिता नेहको आय हबै कि ओखर सेबा करे जाय, पय इहैनिता आय हबै कि खुदय सेबा करै अउ बोहत मनसेन के पाप लग छंडामै के निता अपन जीव दे।
स्वरग लग उतरे हर ऊ जीवन के रोटी हे आंव, अगर कउ हइ रोटी मसे खाही, ता ऊ सबरोज जिन्दा रही अउ जउन रोटी मै देहुं, ऊ मोर देह हबै जउन मै दुनिया कर मनसेन के निता बलि करिहों।
हइ ऊ रोज होही जब परभु अपन पवितर मनसेन के बीच महिमा के संग परगट होही अउ उन सब हे चकित के कारन बन जइही, जउन बिस्वास करे हबै, काखे तुम हमर गवाह हे बिस्वास करे हबा।
ऊ अपन देह हे हमर पापन के क्रूस हे लाद लइस, जेखर लग हम पाप के निता मर के नियाइपन के निता जिये लग जइ, तुम ओखरै मार खाय के दवारा तुम नांगा लग निक्खा होय हबा।