14 अउ आदम बहकाव हे नेहको पडिस, पय डउकी बहकाव हे आयके पाप करिस अउ अपराधिन हुइस।
मोके हरमेसा हइ डर लगे रथै कि कहुं भुतवा तुम्हर मन के मसीह के परति तुम्हर निस्कपट, पवितर लग दुरिहां झइ के दे, जसना सपुवा हब्बा के अपन चलाकी लग धोखा दय रथै।