11 अक्ठी डउकी के चाही कि ऊ सान्त भाव लग भरपूर अधीनता हे सीखय चाही।
मै चाहथो कि तुम हइ जान लेया कि हर अक्ठी डउका के मूड मसीह यीसु हबै, अउ डउकी के मूड डउका हबै, अउ मसीह के मूड भगवान हबै।
जसना उनखर निता जरूरी हबै, जउन परभु हे हबै, डउकी अपन परति अधीन रहै।
बलुक भगवान के भक्ति करै बाले डउकी के इहै निक्खा हबै, जउन खुदय उपास करथै, उनखर निता जरूरी हइ हबै कि ऊ खुदय के अच्छा काम लग सजाय।
अउ संयमी, पवितर घर के कारोबार करै बाले, निक्खा अउ अपन-अपन डउका के बात के मानै बाले होय, ताकि भगवान के बचन के बुराई झइ होय।
हे डउकियो, तुमो अपन डउकन के कबजा हे रहा, अगर उन मसे कउ भगवान के बचन के पालन नेहको करत होंय ता तुम्हर पवितर आदरपून चाल चलन के देखके अपन-अपन डउकिन के बेउहार के दवारा बिस्वास हे सामिल करे जा सकथै,