मालिक ठगरा भन्डारी के चतुराई लग परसंसा करथै, दुनिया के मनसे उजियार के लरका के तुलना हे अपन बिरादरी के संग अपन-अपन आचरन बेउहार हे केतका अधिक होसियार हबै।
कि तै उनखर आंखी उघार कि उन अंधियार लग उजियार के पल्ला अउ भुतवा के हक ले भगवान के पल्ला फिरै, कि पापन के छमा अउ उन मनसेन के संग जउन मोर हे बिस्वास करै लग पवितर करे गइन बरदान पामै।