11 तुम हइ बात हे बडाई करा कि तुम सान्ति हे जीवन गुजारत हबा, अउ हर अक्ठी अपन-अपन काम हे लगे रथा, तुम मोर आदेस के जसना अपन हाथन लग अपन काम करा।
ऊ मनसे के जसना हबै, जउन ऊ अपन घर के छांडथै, अउ दुरिहां के यातरा करै के निता निकडथै, ऊ अपन हरवाह के हक देथै, अउ हर अक्ठी के काम देथै, अउ दूरा लिघ्घो रहै बाले के जगा रहै के निता आदेस देथै।
अउ उनखर संग रहै अउ काम करै लगिन, काखे उन अक्ठी काम करथै तम्बू बनामै के।
मै तुमके सब कुछ करके दिखाथै कि इहैमेर ले मेहनत करत कमजोर के सम्भालना अउ परभु यीसु के बचन स्मरन रखै का जरूरी हबै, जउन ऊ खुदय कथै लेय लग दय धन्य हबै।”
परयास करै हे आलसी झइ करा, पवितर आतमा लग खुसी हे भरे रहा, परभु के सेबा करतै रहा।
पय मोर मन के मगन हइ हबै, कि जछो-जछो मसीह के नाम नेहको लेथै, उहै संदेस सुनाहूं असना झइ होय कि दूसर के नीह हे घर बनाव।
अउ अपन हाथ लग मेहनत करत-करत थक जथन, मनसे हमर बेज्जती करथै अउ हम आसीस देथन, उन हमर हे अतियाचार करथै अउ हम सहथन।
इहैनिता हम चाहे घर हे रही, चाहे परदेस हे, हमर अकठिन इक्छा हबै, कि हम परभु के निक्खा लगी।
जउन मनसे पहिले चोरी करे करथै, ऊ अब चोरी झइ करै, पय निक्खा धंधा हे अपन हाथन लग मेहनत करै, ताकि जरूरत मनसेन के देय के निता ओखर लिघ्घो कुछु होय।
राजा अउ ऊंच पद बाले अधिकारिन के निबेदन अउ धन्यबाद अरपित करे जाय, ताकि हम भक्ति अउ मरयादा हे सान्ति भरपूर जीवन निस्तार कर सकि।
एखर अलाबा ऊ आलसी रहै लागथै, अउ घर-घर घूमै करथै, ऊ न केबल आलसी रथै, पय बाकिन के कामन के बिगाडथै, अउ दूसर के बुराई करै हे मजा आथै, अउ ऊ बात बोलथै, जउन उके नेहको बोलै चाही।
हमर मनसेन के सिखै चाही कि निक्खा कामन हे लगे रहै, ताकि जरुरत के पूर करै के निता निक्खा कामन हे लगे रहै के सिखै, ताकि उनखर जीवन ढिलवा झइ होय।
पय तुम्हर लुके हर अउ चोरिमा मनसे के बल नरम अउ मन के दीन हरमेसा के जीवन के सजावट लग होसियार रहा, काखे भगवान के नजर हे एखर कीमत बडका हबै।
सचेत रइहा कि हत्या, चोरी या गलत काम होय या पराय के कामन हे हाथ डारै के कारन तुम मसे कउ मनसे दुख झइ भोगा।