जब तुम बिनती करत हबा, ता अपन कोठा हे जा अउ दूरा ढाप के अपन स्वरगी बाफ लग गुप्त रूप लग बिनती करा। तब तोर बाफ जउन गुप्त हे करे हर कामन के देखथै, तोके फडुहा देही।
यीसु ओखर लग कथै, “मोके झइ छि काखे मै अब तक बाफ के लिघ्घो उप्पर नेहको गयों, पय मोर भाई के लिघ्घो जाय के उनही कहि दे, कि मै अपन बाफ अउ तुम्हर बाफ अउ अपन भगवान अउ तुम्हर भगवान के लिघ्घो उप्पर जथो।”
तब मै राजगद्दी लग अक्ठी आरो सुनथो, ऊ कथै, “देख अब भगवान के मन्दिर मनसेन के बीच हबै अउ ऊ उनखर बीच घर बनाय के रहे करही, ऊ ओखर चेला हुइहिन अउ खुद भगवान उनखर भगवान होही।