अब हे भाई अउ बेहन, मै तुम्हर लग बिदा लेथो, अपन आदत निक्खा करा, ओसनेन करत जा जसना मै कहे हव, अक जसना सोचा, सान्ति लग रहा, जेखर लग माया अउ सान्ति के भगवान तुम्हर संग रही।
हम लगेतार तुम्हर निता पराथना बिनती करथन, हमार भगवान तुमही अपन बुलउवा के काबिल समझै, अउ तुम्हर हर निक्खा इक्छा अउ बिस्वास के हर अक्ठी काम के सक्ति लग पूर करत जा।
हइ चारो परानी के हर अक्ठी के छय छयठे पंख रथै, उनखर भित्तर के पल्ला अउ बाहिर के पल्ला आंखै आंख रथै अउ उन दिन रात लगेतार बिना रुके महिमा करथै, “पवितर परभु सर्वसक्तिमान बाले भगवान, जउन रथै जउन हबै अउ जउन आमै बाले हबै।”
इहैनिता ऊ भगवान के राजगद्दी के आगू ठाढ हबै अउ ओखर मन्दिर हे दिन रात ओखर सेबा करत रथै अउ ऊ जउन राजगद्दी हे बइठे हबै, उनही सुरक्छा परदान करही अउ तम्बू जसना तानही।