इहैमेर सगलू यहूदिया, गलील अउ सामरिया कर मंडली के सान्ति हे दिन गुजारथै। ऊ मंडली सक्तिसाली होमय लगिस अउ पवितर आतमा के उतसुक पाय के सक्तिसाली हुइस अउ उन गिनती हे बढत गइन, काखे उन परभु के डेराय कर अपन जीवन बइतीत करथै।
अपन जेलियर मनसेन के संग दुख हे उनखर दुख बांटा अउ जब तुम्हर डेरा जइजात के छंडाय लइन, ता अपने-अपन हे जउन नुसकान हुइस उके खुसी-खुसी सुइकार लइन, काखे उन जानथै कि हमर लिघ्घो अभिन्नो कुछ डेरा जइजात हबै जउन सबरोज रही।