तुम तो अपन बाफ भुतवा लग हबा अउ अपन बाफ के इक्छा के पूर करै के चाहथा, ऊ तो सुरू लग खूनी रथै, ऊ सत्य हे ठाड नेहको रथै, काखे ओखर हे सत्य नेहको हबै जब ऊ झूठ बोलथै, ता अपनेन आदत के जसना बोलथै, काखे ऊ झूठा हबै अउ झूठ कर बाफ हबै।
परभु मोर संग रथै अउ उन मोके सक्ति दय रथै कि मोर दवारा संदेस के घोसना पूरी तरह खतम हुइ जाय अउ सगलू दूसर जात के मनसे इके सुन सकै, मै बघवा के मुंह लग बचाय लय गय हव।
तब फेर मै स्वरग हे कउनो के बोहत आरो लग हइ कहत सुनो “अब हमर भगवान कर मुकति, सक्ति अउ राज अउ ओखर मसीह के हक परगट होय हबै, काखे हमर भाई-बेहन हे दोस लगामै बाले के तरी गिराय दय हबै, जउन दिन-रात हमर भगवान के आगू उनखर उप्पर दोस लगाय करथै।
तब उनके बहकामै बाले भुतवा के आगी अउ धंधकत कुन्ड हे डाल दय जही, जिहां गोरू अउ ठगरा ग्यानी मनसेन के डाले गय रथै, उन रात दिन पीरा हे हरमेसा तक तडपत रइहीं।