जसना कि मनसे कर टोरवा ऊ इहैनिता नेहको आय हबै कि ओखर सेबा करे जाय, पय इहैनिता आय हबै कि खुदय सेबा करै अउ बोहत मनसेन के पाप लग छंडामै के निता अपन जीव दे।
भगवान लग मिले हर अनुगरह के जसना मै घर बनामै के निता अच्छी मिसतिरी के जसना नीह खनिस, कउ दूसर नीह के उप्पर रद्दा रखथै, हरेक झन के चेतन्न रहैका हबै कि ऊ कउन मेर घर बनाथै।
भगवान अन्याय नेहको करथै। ऊ तुम्हर कामन के अउ ऊ माया के नेहको बिसरथै, जउन तुम ओखर नाम के महिमा के मकसद लग, हइमेर देखाइस कि अपन पवितर मनसेन के सेबा करिस अउ अबे तक करत हबा।