12 काखे परभु के आंखी धरमी मनसे हे बने रथै, ओखर कान उनखर पराथना सुनथै, पय परभु बुराई करै बालेन लग दुरिहां रथै।”
हम जानथन कि भगवान पापिन के बिनती नेहको सुनथै, ऊ उन मनसेन के सुनथै, जउन ओखर सेबक हबै अउ ओखर इक्छा पूर करथै।
इहैनिता तुम अक दूसर के आगू अपन-अपन पापन के मान लेया, अउ अक दूसर के निता पराथना बिनती करिहा, जेखर लग तुम निक्खा हुइ जइहा, धरमी मनसे के पराथना के बल लग बोहत कुछु हुइ सकथै।