यीसु उनखर लग कथै, का तुम पवितर किताब के कबहुन नेहको पढे हबा, जउन पथरा के मिसतिरी बेकार समझ के फटक दय रथै, उहै कोन्टा के नीह के पथरा बन गइस, हइ परभु के काम हबै, अउ हमर नजर हे अदभुत हबै।
पय उनखर निता जउन बिनास के रास्ता हे हबै हइ मिरतू असना दुरगन्ध हबै, जउन मिरतू कि पल्ला लइ जथै, पय उनखर निता जउन मुकति के रास्ता हे चलथै, हइ जीवन के असना सुगन्ध हबै, जउन जीवन के पल्ला खींचथै, पय हइ काम के निता काबिल कोन हबै?