मै तुम्हर लग सही कथो, जब तक बादर अउ भुंइ समापत नेहको हुइ जथै, तब तक मूसा कर नियम के किताब अक-अक्ठी बात अउ अक-अक्ठी सब्द रही, ऊ तब तक बने रही, तब तक ऊ पूर नेहको जही।
उनखर हे परगट करे गइस कि जब उन संदेस सुनाउत रहिन, तब उन अपन निता नेहको, पय तुम्हर सेबा के निता बात करथै। अब संदेस के परचार स्वरग लग पठोय हर पवितर आतमा के दवारा लग, तुमही उहै संदेस सुनाथै, स्वरगदूतो इन बातन के पूरी जानकारी हासिल करै के निता तइयार हबै।
ऊ दुनिया के सुरु लग रथै, हम इके सुने हबन, हम अपन आंखी लग देखे हबन, हम उके धियान लग देखन अउ इके खुदय अपन हाथन लग छुय हबन, हम ऊ बचन के बारे हे गुठेथन जउन जीवन हबै।
तब मै अक्ठी दूसर स्वरगदूत के बीच बादर हे उडत देखो, भुंइ हे रहैबाले के हर अक्ठी देस, कुर, भासा अउ कास्ट के मनसे सुनामै के निता ओखर लिघ्घो अक्ठी निक्खा अनन्त संदेस रथै।