1 जो सिहासनापो बोहीतरोल्यु ओतु, आय तियाआ हाजला आथे माय एक पुस्तक पालील्यो जे विसमे अने बारथेरोत लेखाल्या ओते, अने ते सात शिक्के लागाडीत बंद कोअल्यो गोये ओते.
तियाआ आथोमेहे एक आयती उघडील्या पुस्तक ओते तिये आपाआ हुदू गुडू समुद्रापो अने बंगाड्यो धोरतीपो मेकलू,
जो तियापो बोहयु होय ते यास्फे अने रत्नासारखा देखाईलो आवत्लू, अने तियाअ राजासनाच्या सोमकीर मेघ धनुश देखाहे.
जाहा ते प्राणी तियाआ जे सिहासनापो बोह्ये होय, अने जे कायम जिवंत होय, गौरव अने सन्मान अने उपकाराआ स्मरण कोअनारू;
ताहरू आय स्वर्ग माय अने धोरतीपो अने धरती निसे अने समुद्राआ आखे वस्तूहू, अने आखे कोढाबी जे तियाआ माय होय, ओ कोत्ले ताहा होमल्यु, “जो सिहासनापो बोहयु होय तिया अने कोकऱ्याचा धन्यवाद अने सन्मान अने गौरव अने राज्य कायम रोय.”
तिये आवीत तियाआ हुदा आथोप रोत कोईत जो सिहासनोप बोहयु ओतु ते पुस्तक लेत लेधलो ओते.
फासाडी आय पालील्यो का कोकऱ्याने तियाअ सात शिक्यापो रोत एक शिक्का फोडिला; अने तियाअ चारू प्राणी मेहे एकाच गर्जने होस शब्द होम्लालू, “आव”
अने डोगो अने खडकाही कोहू लागाडीत, “आमापो पोडीत जा; अने आमाहा तियाआ मुखा मेहे जो राजासनापो बोहयु होय, अने कोकऱ्याला क्रोधाम रोत निकाडीत ल्या.
जाहा तोओ सातवू शिक्का उगडालू ताहा, होर्गाम आर्दू तास पर्यंत शांतता उवी