ते कोकऱ्या आरी सुलाए, अने कोकरा यापो जय मिलवीही, काहाके का तो प्रभून चा प्रभू राजांचा राजा होय, “अने जे हादले होय अने निवडाविले अने विश्वासी होय ते तियाआ आरी; तेबी जय प्राप्त कोए.”
ज्याआ कान होय तो होमलित घेवो का आत्माआ मंडळीही कि कोत्लू जे जय मिलवीही तिया आय गुप्त मन्ना मधून आपही, ओमे तियाहा एक धव्लू डोणो पण आपही; अने तियाअ डोणोपो एक नाव लेखाल्या होय, ज्याहा तियाआ मिलविनाराहा शिवाय अने कोडूच ओलखीही नाहा.