तियाहा ओ पोन अधिकार आप्या गोये का पवित्र माहू आरी सुलाइलो अने तियापो जय मिलीजावू, अने तियाहा हर एक वंश अने मांहे अने भाषा अने जातीपो अधिकार आप्या गोये.
जाहा तिये पुस्तक लेत लेधलो, ताहा ते चारू प्राणी अने चोवीशे प्राचीन तियाअ कोकऱ्याच्या आगाडी पोडीत गोये तियाआ मायरोत आखाआ आथोमेहे विना, अने धूप, जी पवित्र लोकांची प्रार्थना होय, बोल्या बेनाआ धुपाटनी ओती.
ते ओ नवो गीत गावुहू लागाडीत, “तू या पुस्तकाला लेईलो, अने तियाआ शिक्के उघाडल्यो योग्य होय; काहाके का तू वध लेत आपाआ रक्तावहि प्रत्येक जात अने भाषा अने मांहे अने जाती मायरोत परमेश्वरा कोअता मांहोहो वेसातो लेधलो होय,