24 काहाके “हर एक प्राणी खोडो होस होय, अने तियाआ पुरो होबाडीलो खोडो होसे फुलाहोस होय खोड हुकी जाहो, अने फुल गोलीत जाहो,
त्यापोत जर रानोमेऱ्या खोड़ जे आज होय अने उद्या आगीई भट्टीम टाक्ये जाइअलो तियाहा जर देव एहलो प्रकारे कापडे पेआडत्लु ताहा ओ अल्पविश्वसी, तो तुमा कोअता काहा नाहा यांपोरोत विशेष कोअनारू?
अने ओ नाहा होमजाडीत का काल कि उवे होमलित ते ल्या, तुमाआ जीवोन होय ताहा कि? तुमु ताहा वाफ सारखो होय, जे थोडो वेल देखात्ले फासाडी दिसेनाशी ओते.
जगोआ अने तियाआ अभिलाषा बेनु नाहा एहली ओत जातेहे पोन जो परमेश्वरोओ इच्चेप चालीलो तो कायम बोणीत रोही.