1 ज्याआ ओ विश्वास होय का येशु मसीह होय तो परमेश्वराप रोत उत्पन्न ओवल्यु होय अने जो कोडू उत्पन्न कोअनाराप प्रेम मिकत्लू होय तोओ तीयापो बी प्रेम मिकत्लू जो तियाआ से उत्पन्न उवल्यु होय.
केधी कोडु कोअही, “आय परमेश्वरोओ प्रेम कोअत्लू अने आपाआ पाहीपो वैर मेकलू ताहा तो ठोग होय; काहाके का जो आपाआ पाहीपो ज्याहा तिये पालील्यो होय प्रेम नाहा मेकीत, ताहा तो परमेश्वरोओ पण जिये तियाहा नाहा पालील्यो प्रेम नाहा मेकीत साकेतू.”
ऐ प्रीयांनो आमू आपसामेहे प्रेम मेकिलो; काहाके का प्रेम परमेश्वारापो रोत होय जो कोडु प्रेम कोअत्लू, तो परमेश्वारापो रोत जन्मलु होय अने परमेश्वरोओ ओलखील्यो.
आमू ओलखीत्लू का जो कोडु परमेश्वारापोरोत उत्पन्न ओवयू होय ओ पाप नाहाकोईत; पोन जे परमेश्वारापो रोत उत्पन्न ओवयू होय तियाहा तो वासाडीत मेकोहो अने तो वाईट तियाहा नाहा कोहू इच्छित.