केधी कोडु कोअही, “आय परमेश्वरोओ प्रेम कोअत्लू अने आपाआ पाहीपो वैर मेकलू ताहा तो ठोग होय; काहाके का जो आपाआ पाहीपो ज्याहा तिये पालील्यो होय प्रेम नाहा मेकीत, ताहा तो परमेश्वरोओ पण जिये तियाहा नाहा पालील्यो प्रेम नाहा मेकीत साकेतू.”
ऐ प्रीयांनो आमू आपसामेहे प्रेम मेकिलो; काहाके का प्रेम परमेश्वारापो रोत होय जो कोडु प्रेम कोअत्लू, तो परमेश्वारापो रोत जन्मलु होय अने परमेश्वरोओ ओलखील्यो.