7 पुण तान आपणा आखा काही सोडीन, दासाच्या रुपान ग्रहण किरील, एने माणहान होस रेणू.
7 पुण आपणे आपाह ओहलो शुन्य केर दिनो, एने दासान वेह रूप लिदो, एने माणहान गेणतीम एय गीयो।
“देखू, ज्यो मारो दास ज्याह मी निवाडील हि, ज्यो मारू प्रिय हि, मी आपणो आत्मा तापोर टाकूह एने तो अन्य जातीह न्याय ने सुवार्ता आपी.
ज्यानहोस माणहान सोरो, सेवा केरीन ओहलान केरी नाहं, तर सेवा केरीन केरता एने आखान सुटकारान केरता तान जीव आपी.”
तान ताह उत्तर आपील, “एलिया खेरिनच पेल्ला आवीन आखा कांही हुदारिन पुण माणहान सोरोन विषय माय हे का लिखील हि तो जादा दुख विसी, एने मारील जाय?
काहाकाय मोठू कूण हि? तो रूटू खाणेन बोहील हि केव्ही जो सेवा केरतीन हि? काय तो नाहं जो रूटू खाणेन बोहील हि? पुण मी तुमरे माय दासान होस हि.
एने वचन देहधारी एय गीयो; एने कृपा एने खेरो पणाने परिपूर्ण एय आमरा माय रेणू, एने आमु तान इही महिमा देखील, जोहलो कि आबाकने एकुलती एक ची महिमा.
आपणो सोरो आमरे प्रभु यीशु मसीहान विषय माय प्रतिज्ञा केरील एती; जो डीलान संबंधासे तो दाविदान वंशामाय रीन पायदा इयील.
काहाकाय कि मसीहाने आपणो स्वताह प्रसन्न किरील नाहं, पुण जाणेन लिखील हि, “तारो निंदकांची निंदा मारपुर आवी हि.”
ज्याकेरता मी किथे कि जी प्रतिज्ञा पूर्वजान आपील गीयी एती ताह दृढ केरणेन केरता मसीह, बोगवानान खेरोपण प्रेमान आपणे केरता खतना किरील माणहान दास बना.
कारण जे काम व्यवस्था देह् स्वभावामुळे दुर्बल एयन किरील, गेत्लो बोगवान किरील म्हणजे स्वताहा सोराह पापी देहाहोस देहाने एने आबाक मोकलील देहा माय दण्डाज्ञा केरील.
तो तुमरे वजेसे क्रुस पोर चेढांविल गीयो, तेभी पुण बोगवानान सामर्थ्यान जीवतालू हि. आमु पुण तामाय अशक्त हि पुण बोगवानान सामर्थ्यान तुमरो केरता हि, जेहीकाय जीवतालू रेहू.
तुमूह आपणा प्रभु यीशु मसीहान कृपा मालूम हि कि तो श्रीमंत येतो पुण तो तुमरीकेरता गरीब एनो, म्हणजे तान गरीब एय गीयो तुमूह श्रीमंत एने जुवी.
पुण ताहेरया काळ पुरो, एनो ता बोगवानान आपणो सोरा मोकलील जो बायकू पासून जन्मूला, एने व्यवस्था स्वाधीन उत्पन्न एनो,
जो आपणो स्वरूपाने गवाहीत बोगवान एतो पुण तान बोगवानाबरोबर आपणो समानतेला केध्दीह लाभ केरीन मानना नाहं.
एने विश्वास निर्माण केरणार एने पुरो केरणारा यीशु उगे दिखिह रिजी; जान ता आनंद केरीन जो तान ओगांण धेरनु एतो, लाज कायीच चिंतान केरीन क्रुसन दुख सहन किरील, एने बोगवानान जेवडी उगे जाइन बोहील.
बायहो इही देखरेख केरू कि जोहलो काय तुमूह पुण बंदी हि, एने ताहेरी वाईट वागणू केरील जातेह, तान बरोबर पुण ओहलो वागणू केरू, कि आमरा पुण शरीर हि.
कारण आमारो ओहलो महायाजक नाहं जो आमरा कोमजोरीमाय दुखी एय नाहं; पुण तो आखी वातून पारख मायरीन गीयो तेभी पुण निष्पाप निकलील.