4 परमेस्वरके अगा ठारभेल स्वरगदुतके हाथसे धुपके धुवाँ परमेस्वरके जनसबके परथनासङे उपर दिसन गेलै।
धुप बारै बखत लोकसबके भिर बाहरमे परथना कैर रहल छेलै।
करनेलियस स्वरगदुत दिसन डेरा-डेराके ताकल्कै आ कहल्कै, “कहु परभु” स्वरगदुत कहल्कै, “तोहर परथना आ गरिबसबके उपर देख्याल दयाके कामसब परमेस्वर देख्ने छौ। परमेस्वर तोहर सब असल कामके भेटीके रुपमे सुइकार करनेछौ।
तब परमेस्वरके महिमा आ ओकर सक्तीके कारनसे मन्दिर धुवाँसे भरलै। उ सात स्वरगदुतके सात बिपत समापत नै हेबे तक कोइ नै मन्दिर भितर ढुकैले सक्लै।
सोनाके धुपदानी बोक्ने दोसर एकटा स्वरगदुत आइबके बेदीके कातमे ठार भेलै। सिंहासनके अगा भेल सोनाके बेदीमे परमेस्वरके जनसबके परथनासङे चरहाबैके लेल ओकरा बहुत गमकैबला धुप देल्कै।