2 तब हम एकटा बलबान स्वरगदुतके देखलियै, जे बरका अबाजमे अनङ कैहके पुछल्कै, “अकर लाहट तोइरके अकर मुठा खोलैले के योग्यके छै?”
तकरबाद हम दोसर सक्तिसाली स्वरगदुतके स्वरगसे निचा उतरैत देखलियै। ओकर देह बादलसे झापल छेलै आ मुरी उपर पैनसोका छेलै। ओकर चेहरा सुरुजके जखा आ ओकर टाङसब आइगके खम्हा जखा छेलै।
तकरबाद एकटा सक्तिसाली स्वरगदुत बरका जाँत जखा पथल उठाके एहेन कहैत समुन्दरमे फेकल्कै, “अहिनङके महानगरी बेबिलोन जोरसे फेकल जेतै आ उ फेरसे कहियो नै भेटतै।
सिंहासनमे बिराजमान भेलके दहिना हाथमे हम कागतके एकटा मुठा लपेटल देखलियै। उ कागतके मुठा भितर आ बाहर दुनुकात लिखल रहै आ ओइमे सातटा लाहट लगाके बन्द करने रहै।
तब धरमगुरुमेसे एक गोरा हमरा कहल्कै, “नै कान! देख, यहुदाके कुलसे एल एकटा सिंह, जे दाउदके सिंहासनके उतराधिकार छै, उ जितने छै आ सातटा मुठाके लाहट तोरके खोलैके योग्यके छै।”