एसिया परदेसमे भेल सातटा मन्डलीसबके युहन्नाके गोरलगी, परमेस्वर जे छै, जे छेलै आ जे एतै आ ओकर सिंहासनके अगा रहैबला सातटा परमेस्वरके आत्मासे तोरासबके अनुगरह आ सान्ती मिले।
“हे सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर, अहाँ जे चियै आ छेलियै, हमसब अहाँके धन्यबाद चरहाइचियै, कथिलेत अहाँ आपन महान अधिकार हाथमे लेनेचियै आ आपन सासन करैले सुरु करल्कै।
जे लोकसब जानबर या ओकर मुरतिके पुजा करतै या ओकर नामके चेन्हा लगाइतै, तकरासबके दुख दैबला आइगके धुवाँ जुगो-जुग तक उपर उठैत रहतै आ ओकरा रात दिन कहियो नै चैन भेटतै।”
वह्या एक लाख चौबालिस हजार लोकसब सिंहासनके अगा आ उ चार जिबित परानी आ धरमगुरुसबके अगा एकटा लया गित गाबैछेलै। ओइसबके पिरथिबीसे मोल तिरके छोरेने छेलै। ओइसबके बाहेक कोइ नै उ गित सिखैले सकैछेलै।
उसब अनङ कैहके परमेस्वरके दास मोसाके भजन आ थुमाके भजन गाबैछेलै, “हे सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर! अहाँके काम कतेक महान आ अदभुत छै, हे जाती जातीके रजा! अहाँके बाट धारमिक आ सत छै।
“फिलाडेल्फियाके मन्डलीके देख-भाल करैबला दुतके यि लिख, ‘उ जे पबितर आ सत छै, जकर हाथमे दाउदके कुजी छै आ जकर खोलल केबार कोइ नै बन्द करैले सक्तै या बन्द करल केबार कोइ नै खोलैले सक्तै।
उ चार जिबित परानीसबके बिचसे एकटा एहैन आबाज सुनलियै, “एक दिनके बोन एक किलो गहुम आ एक दिनके बोन तिन किलो जौ हैछै, महज जैतुनके तेल आ अङगुरके मधके नोकसानी नै करिहे।”