वह्या एक लाख चौबालिस हजार लोकसब सिंहासनके अगा आ उ चार जिबित परानी आ धरमगुरुसबके अगा एकटा लया गित गाबैछेलै। ओइसबके पिरथिबीसे मोल तिरके छोरेने छेलै। ओइसबके बाहेक कोइ नै उ गित सिखैले सकैछेलै।
उ चार जिबित परानीसबके बिचसे एकटा एहैन आबाज सुनलियै, “एक दिनके बोन एक किलो गहुम आ एक दिनके बोन तिन किलो जौ हैछै, महज जैतुनके तेल आ अङगुरके मधके नोकसानी नै करिहे।”