3 आबसे उ सहरमे परमेस्वरके सरापके कोनोभी बात नै रहतै। परमेस्वर आ थुमाके सिंहासन ओते रहतै आ ओकर सेबकसब ओकरा सेबा करतै।
मालिक कहल्कै, ‘स्याबास! तु असल आ बिस्बास योग्य नोकर चिही। थोरबे चिजमे तु बिस्बास योग्य रहलिही। आब हम तोरा बहौत चिजके जिमा देबौ। हमरासङे आनन्द मना।’
“तकरबाद उ आपन बमा कता भेल्हासबके कहतै, हे परमेस्वरसे सराप पाबलाहा लोकसब। हमरसे दुर चैल जो! सैतान आ ओकर दुतसबके लेल तैयार करल कहियो नै मुझाइबला आइगमे चैल जो।
जे हमर सेबा करैले चाहैछै उ हमर पछा आबे आ हम जते रहबै ओते हमर सेबक सेहो रहतै। जे कोइ हमर सेबा करैछै हमर पिता तकरा आदर करतै।
यदि परमेस्वरके महिमा बेटासे भेलछै त, परमेस्वरो ओकरा आपनलग महिमीत करतै आ उ ओकरा जल्दीए महिमीत करतै।
हम ज्याके तोरासबके खातिर ठाम तयार करलाके बाद फेनो एबौ आ तोरासबके आपनलग ल्याजेबौ, तैल्याके हम जते रहैचियै ओतै तुहुसब हमरसङे रहबिही।
“हे पिता, हम इक्छा करैचियै कि, जकरासबके अहाँ हमरा देनेचियै, सेसब हमरसङे रहे आ हमर महिमा देखे, जे महिमा सन्सार सिरिस्टी हैसे पहिने अहाँ हमरा परेम करलाके कारनसे देनेछेलियै।
उसब जोर-जोरसे एहेन कहल्कै, “सिंहासनमे बिराजमान हैबला अपनासबके परमेस्वर आ थुमासे मुक्ती आबैछै।”
तकरबाद हम ताकलियै त कोइ नै गनैले सकैबला लोकसबके एकटा बरका भिर देखलियै। उसब हरेक जाती, हरेक कुल, हरेक देस आ हरेक भसाके लोक छेलै। उसब उजर बस्तर पिन्हके हाथमे खजुरके ठाइर लेके सिंहासन आ थुमाके अगा ठारभेल हम देखलियै।