1 तकरबाद हमरा नापैबला लगी देल्कै आ कहल्कै, “उठ, परमेस्वरके मन्दिर आ बेदीके नाप ले आ ओते आराधना करैबलासबके गन्ती कर।
परमेस्वरके मन्दिरके मुरतीसङे कोन समबन्ध? कथिलेकी हमसब त जिबित परमेस्वरके मन्दिर चियै। जनङकी परमेस्वर कहनेछै, “हम ओकरासबमे बास करबै आ ओकरासबके बिचमे चल-फिर करबै। हम ओकरासबके परमेस्वर हेबै आ उसब हमर परजा हेतै।
तुसब जिबित पथल चिही। परमेस्वर तोरासबके परयोग कैरके आपन आत्मिक मन्दिर बन्यारहलछौ, ताकी तुसब पबितर पुजारी भ्याके येसु खिरिस्टसे परमेस्वरके मनपरैबला आत्मिक बलिदान चरहाइले सकबिही।
महज तुसब त परमेस्वरके छानल जन, राजकिय पुजारी, पबितर जाती, निजी परजा चिही। उ तोरासबके अन्हारसे ओकर अचमके इजोतमे आनल्कौ, ताकी तुसब ओकर आस्चरजके कामसबके घोसना करैले सक।
तब हमरा अनङ हुकुम भेलै, “तोरा बहुत लोकसबके, बहुत जातीसबके, बहुत भसा आ बहुत रजासबके बारेमे अगमबानी फेनसे सुनाइले परतौ।”
हमरसङे बोलैबला स्वरगदुतके हाथमे उ सहर, ओइके केबार आ दबाल नापैबला एकटा सोनाके लगी छेलै।