जे असली रुप परकट हैछै उ इजोत चियै। पबितर धरमसास्तरमे अनङ लिखलछै, “हे बिभोर निनमे परल लोकसब जाग आ आपन पापके कारनसे मरल नै रह, जिबित हो। तब खिरिस्टके इजोत तोरासबमे चमकतौ।”
देखभाल करैबला अगुवा मन्डलीएटाके भितरे मातर नै महज उ मन्डलीके बाहरो इजत-मान भेटल लोक हैकेचाही। तब मातरे ओकरा बिस्बासी लोकसब मान करतै आ सैतानके जालमे नै परतै।