खुद रजा अगरिपासके यि बातसब मालुम छै तै लेल हम ओकर सामने निडर भ्याके बोइलरहल चियै। हम बिस्बास दियाबैचियौ कि कोनो भि बात ओकरसे घोसरल नै छै। कथिलेत यि सब बातसब गुप-चुपमे नै भेल छै।
परमेस्वरके परेमसे अपनासबके कोनो चिज अलग करैले नै सक्तै। नै त मिरतु, नै त जिबन, नै स्वरगदुतसब, नै त सन्सारके सासकसब, नै त अखुनके या भबिसके बातसब, नै त कोनो सक्तीसब,
तब अहै खातिर हम दुख उठाइचियै। महज यि बातके खातिर हम लाज नै मानैचियै, कथिलेत हम ककर उपर बिस्बास करनेचियै से हम निकसे जानैचियै। हम जे कुछ परमेस्वरके सौपने चियै, उ आपन आबैबला दिनतक सुरक्छित राख्तै कैहके पुरा भरोसा छै।