9 ओहिने जनिसब सोहो होसियारीसाथ साधारन आ भद्र पहिरन पिन्हे हम चाहैचियै। उसब आपन आपन केसके सिङगार-पटार, सोना या मोती आ बहौत महङके बस्तरसब नै पिन्हे,
तब कथी देखैले गेल छेल्ही? कि असल-असल बस्तर पिन्हल लोकके? असल-असल बस्तर पिन्हैबलासब त राजदरबारमे रहैछै।
बरु असल कामसे सुसोभित हेबे, जे परमेस्वरके भक्ति करैबला जनिसबके सोहाबैछै।