मैं दर्सना मन्झ जिन्हा घोड़े जो होर तिन्हारे सुआर जो देखिरा था, स्यों एह्ड़े सुझ्हे थे: तिन्हारी झिलम आगी साहीं लाल रंगा री, होर धुआं साहीं नीले रंगा री, होर गन्धका साहीं पिऊले रंगा री थी। होर तिन्हा घोड़े रे मूंड सेरा रे मूंडा साहीं सूझहा थे, होर तिन्हारे मुंहा ले आग, धूआं, होर गंधक निकल्या करहा ई थी।