1 होर जो राजगद्दी पर बैठिरा था, मैं तेसरे सीधे हाथा मन्झ एक कताब देखी, जेता रे दुहीं पासे लिखिरा था। होर से कताब सात मोहर ल्गाई किन्हें बंद करी दितिरी थी।
होर जो तेस राजगद्दी पर बैठीरा था, से चमकीले यसब होर माणिक्य जेह्ड़े कीमती पात्थरा साहीं सूझेया करहा था। होर तेस राजगद्दी रे चारो तरफ एक मेघ-धनुस था, जो मरकत पात्थरा साहीं चमक्या करहा था।
जो राजगद्दी पर बैठिरा था, सेई आ जो जुग-जुग जिउंदा आ। होर जेबे-जेबे ये प्राणी तेस जो महिमा, इज्जत होर धन्यावाद दे थे तेबे चौबी अगुवे तेसरे पैरा पर पई किन्हें तेसरी अराधना करहा ऐं थे। होर स्यों राजगद्दी रे साम्हणें आपणा-आपणा ताज रखी देहें थे, होर बोले थे,
फेरी मैं देख्या कि छेलूए तिन्हा सात मोहरा मन्झा ले एक मोहर खोल्ही, होर तिन्हा चारो प्राणिया मन्झा ले एकी जो अवाज देंदे सुणेया, तेसरी अवाज बादला री गर्जना साहीं भारी थी। होर तिन्हें बोल्या, “जा आगे जा।”
स्यों लोक प्हाड़, होर चटाना किन्हें बोल्दे लगे कि, “आस्सा प्रयाल्हे पई जाऊआ, होर आस्सा जो ढख्ही लऊआ, ताकि जो राजगद्दी पर बैठिरा से आस्सा जो नी देखी सके, होर से छेलू आस्सो सजा नी दे।