प्रकासना री गल्ला 3:4 - मंडयाली नंऊँआं नियम4 पर हां, सरदीस सैहरा री कलीसिया मन्झ ऐबे भी कुछ एह्ड़े लोक ऐं, जिन्हें आपणे कपड़े पाप करी किन्हें गंदे नी किते, तिन्हा चिटे कपड़े पैन्ही किन्हें मेरे साउगी चलणा, क्यूंकि स्यों एस लायक ऐं। Faic an caibideil |
ये स्यों लोक ऐं, जिन्हारी जिन्दगी पवित्र ई। तिन्हा मर्धा साहीं जिन्हें कधी कोसी जन्नानी साउगी व्यभिचार नी कितेया, तिहां ही तिन्हें छेलु रे अलावा केसी होरी री अराधना नी कितिरी हो। जेथी केथी से छेलु जाहाँ, स्यों तेसरे पीछे चली जाहें। येई लोक ऐं जिन्हा जो परमेसरे धरती पर रैहणे वाले माह्णुंआं मन्झा ले मुले लई किन्हें छुड़ाईरे। जिहां किसान आपणी पैहली फसल परमेसरा जो चढ़ा, तिहां ही ये लोक भी परमेसरा रे कठे होर छेलु रे कठे पैहली भेंट रे कठे चढ़ाई रे।
एता ले बाद मैं देख्या कि मेरे साम्हणें एक बडी भीड़ खड़ी थी, जेसरी गिणती कोई नी करी सक्दा था। तेस्सा भीड़ा मन्झ लग-लग देसा रे लोक, होर हर कुला रे लोक, होर जातिया रे लोक, होर लग-लग भासा बोलणे वाले लोक थे, स्यों तेस राजगद्दी होर तेस छेलू रे साम्हणें खड़ीरे थे। तिन्हें चिटे कपड़े पैहनीरे थे, होर खुसी मनाणे रे रूपा मन्झ तिन्हें आपणे हाथा मन्झ खजरे रे पांगे लईरे थे।