होर यीसूए तिन्हा किन्हें बोल्या, “चतन्न जे रैंहयां करहा, होर हर किस्मा रे लालचा ले आपणे आपा जो बचाई रखा: क्यूंकि केसी री जिन्दगी तेसरी बौह्त ज्यादा जायदाद हूंणे री वजहा ले नी हुन्दी।”
होर स्पहिए भी तेस ले ये पूछेया, “आस्से क्या करिए?” तिन्हें तिन्हा किन्हें बोल्या, “केसी पर अत्याचार नी करणा, होर ना झूठा दोस ल्गाणा, होर आपणी कमाई पर सन्तुस्ट रैंह्णां।”
होर आस्से जाणहां ऐं कि जो लोक परमेसरा किन्हें प्यार रख्हा ऐं, होर जो परमेसरा री इच्छा रे मताबक चुणिरे तिन्हारे कठे सब गल्ला मिली किन्हें भलाई पैदा करहा ई।
क्यूंकि सारीरिक व्यायाम ले थोह्ड़ा ई फायदा हुंहाँ, पर भक्ति सभ गल्ला रे कठे फायदेमंद ई, क्यूंकि एस जिन्दगी मन्झ होर आऊणें वाले जिन्दगी मन्झ भी परमेसरा री वादा कितिरी जिन्दगी तुस्सा जो मिलाईं।
आपणे आपा जो पैसे रे लालचा रे कठे दूर रखा, होर जो तुस्सा वाले आ, तेता मन्झ संतुस्ट रहुआ; क्यूंकि परमेसरे आपु बोलिरा कि, “मां तू कधी भी नी छाडणा, होर ना मां तू कधी भी त्यागणा।”