कि तुस्से लोका रे ज्रीए मूर्तिया जो चढ़ाई रे खाणे जो मत खांदे, होर व्यभिचार होर गला घुटी किन्हें मारिरे डांगरे रा मास होर खूना ले परे रैहया। अगर तुस्से इन्हा ले दूर रैंह्णां ता तुस्सा रा भला हूंणां, सुभकामणां।”
“जेथी तक विस्वास करणे वाले अन्यजाति लोका रा सवाल आ, आस्से तिन्हा जो एक चिठ्ठी लिखी किन्हें भेजिरी कि, लोका रे ज्रीए मूर्तिया जो चढ़ाई रे खाणे जो मत खांदे, होर व्यभिचार होर गला घुटी किन्हें मारिरे डांगरे रा मास होर खूना ले बच्ची किन्हें रहे।”
हांऊँ जाणहां, होर प्रभु यीसू री तरफा ले मुंजो पक्का हुईरा कि, कोई खाणा आपणे आपा ले असुद्ध नी ई, पर जो केसी खाणे जो असुद्ध समझ्हा, तेसरे कठे से खाणा असुद्ध ई।
तुस्से जेहड़ा खाणा, खाणा चाहें तेता री वजहा ले परमेसरा रा काम नी बगाड़ा; खाणे मन्झ सब कुछ सुद्ध ता हाया, पर तुस्से जो खाएं तेस वजहा ले कोई होर परमेसरा पर विस्वास करणा छाडी दे, ता से गल बुरी ई।
जो माह्णुं केसी ध्याड़े जो मन्हां, से प्रभु जो इज्जत देणे रे कठे मन्हां। होर जो सभ कुछ खांहां, से प्रभु जो इज्जत देणे रे कठे खांहां, क्यूंकि से परमेसरा रा धन्यावाद करहा। होर जो साग-पात खांहां, से भी प्रभु जो इज्जत देणे रे कठे खांहां, होर से भी परमेसरा रा धन्यावाद करहा।
तुस्से बोल्हे कि आस्सा वाले सभ कुछ करणे री अजादी, हां पर सभ चीजा आस्सा रे फायदे रे कठे नी। आस्से सभ कुछ करणे रे कठे अजाद ऐे, पर सारी चीजे परमेसर पर विस्वासा करणे जो नी बढ़ादीं।
तुस्सा जो एह्ड़ा करणा चहिए बजारा मन्झ जो भी मास बिक्हा, तेता जो खरीदी किन्हें खाई लो, ये मत पूछा कि ये मूर्ति रे साम्हणें बलि कितिरा, होर तेबे तुस्सा री अंतरात्मा तुस्से दुखी नी करणे।
अगर हांऊँ धन्यावाद देईं किन्हें हांऊँ मूर्ति रे साम्हणें बलि कितिरे खाणे जो खाई लेहां, ता तेता रे कठे मेरे पर किधियो दोस लगाया जाहाँ, जेसरे खाणे रे कठे मैं परमेसरा जो धन्यावाद दितिरा?
स्यों स्खायें कि लोक ब्याह नी करहे, होर स्यों खाणे पीणे री चीजा ले भी रोक्हा ऐ। पर परमेसरे युयां चीजा तिन्हा विस्वासी लोका रे कठे बणाईरी, जो सच्चे उपदेसा जो जाणांहे कि, स्यों प्रार्थना करी किन्हें धन्यावादा रे साउगी इन्हा चीजा जो खाई सके।