16 “दोरे यह्च़ा योंई ए तिस्करे माह शोर; ऐके दोतिंङ यह्च़ा रोह्षतो माह, दंङ माह ए अंऊ ला च़चे दोतिंङ तंग लोहतो।
छना कुंई ता दोच़ी परमेश्वरो बचन एनोह सेहमो अंद्रेग महसे टेम तचेक बसाके माह तहच़ि। पर अपेहल विशवासो बज़ाहज़ि छिल्ला दुख या सताव अति ता दुहरे दुए मुका विशवासो दोरच़ी थलका यह्च़ा य्वातोर।
पर ऐके लेहपिरंङ दोरे रोहष्रा इलिरे, दंङ जड़ मा चुम्ज़ी रंङ साते दुह कर्चे इलि।
धन्य शुहरे दोरे, अरी धार्मिकताऊ ज़िंदगीऊ हिटी तहच़ातेर। छना कुचे परमेश्वरे दोतु थल्जी पुरे लोहतो।
दंङ अंऊ मुका एके हुंच़िरी ता रोषा इलि, दंङ जड़ मा चुम्ज़ी रंङ साते कर्चे इलि।
दोई योंई मीहतिंङ रुठे चीज़ङ साते कापि लहरी, दंङ साहुकारातिंङ सल्ज़ी गुट्री हुंच़े च़रति।
“धन्य शुहरे केरे अरी दी मुका योंई तोतोंई, छना कुचे केहरे तृप्त शोनी। धन्य शुह केह्रे अरी दी मुका क्रपि लेहकी तोतोंई, छना कुचे वफोई।”
पर अच़िला दुह तिऊ दोरच़ी तुंङमतो अंऊ गेह दोबि रामोग, दंङ दोबि अनंत जीवन तचेक तीस्कर माह अपतो; अंऊ ती गेह दोबि रामोग, दोऊ अंद्रेग दुह तिऊ मुर्ति शुहचे योतो अरी अनंत जीवन तचेक बहेक्एपोतो।”
ऐके ज़िरसा ए महस ठ्रोत लेहके यवाह दंङ श्रांङ कारपि लेह केट्रा, दंङ दोऊ उड़ द्चिह य्वात, दंङ दोऊ सलटे अच़ा यवात; ध्वांए साहुकार ला एनोह कमो दोरच़ी योह्सा योतो।
दुह दोतु टिरो दोरच़ी भत्ते मिक्ति भ्रूच़िह च़रपोतो; दंङ अरिला मीह अपेहला दुखी माह शोतो, क्रपोतो माह, टेहषी महसूस माह लोहतो, दंङ माह ए मौत शोतो, छना कुचे पुराना संसारो भत्ते चीज़ योंहंषा शुहचे योतो।”