5 दोहपल कुरच़े तीसरा मुहर युप्ति, दंङ गेह तीसरा प्राणी बि दि कुट्री रेड्रीगा, “एंतेग इला।” दंङ गेह खंड़िगा कि इच्च़ा रोहकी रहंङ धकतेखा अति; दंङ दोऊ टोईच़ी बंङज़ी दोऊ गुह्ट्र इच्च़ा त्रकड़ी तोह।
छना कुचे इच्च़ा जाति मीहरे ऊईजातिऊ मीहतु खिलाप शोर दंङ इच्च़ा देश ऊई देशो खिलाप शोर, दंङ अकाल शोतो ए भुयंल अपोतो।
दिऊ टोहकठे दुह सेंहणा तु बिचंङ ज़ि इच्च़ा गेरंङ साते कुई, “था क्रप्तु; खंणु, यहूदा ओ गोत्रो दुह ब्राघ, अंऊ रज्ज़ा दाऊदो मोह्ड़े वंश तोह, दुह शेतानो टोईच़ी जयवंत शुहचे तोह कि दोई ए दि निह्ज़ी मुहर थक्पोतो। दुह ए दि कताब युप्च़िमी जोगे सामर्थी तोह।”
दंङ दोरे दि खरकोई गीत कुट्री लेहतिर, “कांह दि कताब मुहर थक्च़िमी ए दिबी युप्च़िमी जोगे तोतोन; छना कुचे कनिंङ बलिदान लहसी शुह। कनु शुहई अंऊ बहाएक्सी तोहई, मीहतिंङ छुड़ाके च़रति ताकि दोरे परमेश्वरो मीहरे बणेंके योर। दिरे मीहरे भत्ते गोत्र, भत्ते भाषा, भत्ते ठहरि ए भत्ते राज्यो दोरच़ी तोतोर।”
दोहथल गेह खंईगा कि कुरच़ा दुह निह्ज मुहरो बिचंङ इच्च़ा युप्ति; दंङ गेह पि श्रींङे प्राणी तु बिचंङ इच्च़ा बि हाऊष रंड्री रेड्रीगा। दोऊ सग गर्जनो ठ्रोह महसे तोहई। दोई कुई, “हेंतेग ईला तुखा बणेक्तु।”