13 अपेहल अजगर समझेगी इलि, कि गेह धरतीऊ टोईच़ी दह्च़ी इलिगा, दंङ दोई दोऊ थले ज़रका रें च़रति, अंऊ दुह मेच़िमी दुह योह बि जन्म रांहषी तोहई,
गेह दीह गप्पा केतंङ साते दिऊ थल्जी कुट्रातग, छना कुचे केहरे गिऊ चेलारे शुई; संसारा रिंङ केतिंङ दुख सेहन लहच़ी लेह्पोतो, पर याहऊ तांहई, छना कुचे गेह दिह संसारो मुख्या शेतान बि यरच़ी चरच़ातग।”