3 अगर गेह दोतिंङ योंई चुंखा च़रपोग, ता दुरेह अमरिंङ छ्चे केह्षा योरेह; छना कुचे ता दोतु बिचंङज़ि रेह ओई तारेह ज़ि अन्जी शुहरे।”
“गिह्बी दी भीड़ो टोईच़ी दया अपि लेहकी तोह, छना कुचे ता दिहरे षुहमरक पुरे गेरंङ साते तोहई, दंङ दोतु कछंङ ज़ेइमी लाह छले मद।
दोऊ चेलाज़ि दोबि रुहक्ती, “दी सुनसान ठाहरीरिंङ धोंण रोटी रेह अंऊर च़ि हापोंई कि दिहरे कांहषी जूंस?”