झांह लेह हे गिऊ प्यारे साथी विशवासी रे, केनातु विशवासा रिंङ पक्का बंङज़ुंई दंङ गलत शिक्षा ओ वहज़ा ज़ि भटक्तेतुंई था, प्रभु थल्जी छि कम केहच़ी लहज़ातंई दोरिंङ हमेशा तुंखा शुई। छना कुचे दि ञेंहच़ा, कि छिल्ला धिर केहच़ी प्रभु थल्जी लोहनि दोऊ ईनाम केतिंङ पक्का खोकसोतो।