12 दोकुतु बिचंङज़ि कवचि योहे एनोह बाह रंङ साते कुंहई, “हे बाह, ज़मीन जयदातो दोरच़ी, छि गिऊ हिस्सा तोह दुह धा गिह्बी रेह च़रतु” बाहे झुल्ला योहतु बिचंङ एनोह ज़मीन जयदात फाहे च़रति।
भत्ते ज़ि एनोह महसे दोहरची थोड़े रंदोर दंङ दि गरीब रंणी मेच़िमी एनोह भत्ते कमाई परमेश्वरो थल्जी रें चरच़तो। दोई एनोह थल्जी छल्ले बचाएकतो माह।”
दंङ दोई अई इच्च़ा कथारंङ साते कुंहई, “इच्च़ा मीहू झुह्ट योह तोईरे।”
दंङ थोड़े अरे ध्याड़ो थल कवचि योह भत्ते धिर ठ्रोहका लहज़ा इच्च़ा ऊई तार देशंङ अच़ा इलि दंङ दोर तिंङ भोग-बिलासारिंङ एनोह भत्ते टंगा ढबाह योह्च़े च़रति।
पर अपेहल कांह दिह योह अच़ि एनोह भत्ते टंगा ढबाह कुकम लहज़ाड़ो टोईच़ी योह्च़े चरच़तो, अंजा, दंङ केई दोऊ थल्जी मोह्ड़े धाम तेयार लेह लहरिन।