35 अई ध्याड़ा रिंङ दोई झुह्ट मुलतु टंगा हुन्ज़ा (अंऊ झुह्ट ध्याड़ो बराबर तोहई) सरायो मालिका बि रें च़रति दंङ कुंई, दिऊ सेवा टहल लाहनी, दंङ छिला कांह बणेक्पोतो गेह वापिसी मुका कनिंङ रे च़रपोग।
पर अपेहल दुह परगर धकतेखा हुन्ज़िरी ताह दोऊ साथी परगर दोहरी अच़ि दोऊ राह मुलतु टंगा रंड्रीमी तरेह; दोई दुह टटूरिंङ ज़ि च़ुमरी कुड़ी, अंयों ला केई गिऊ रंड्रीमी ततन दुह रेणह च़रतु।
दोई कम लहज़ातिंङ ध्याड़ी इच्च़ा मुलतु टंगा लहतो दंङ दोरे एनोह दाखो बगीचारिंङ चरच़तो।
दंङ दोऊ कछंङ अंज़े दोऊ ज़ख्मा जेतूनो तेल ए औषद केहरी दंङ पट्टी लहरी, दंङ एनोह कारंङ टोईच़ी केट्रा इच्च़ा सराय तोहई लेन्ज़ा शिली, दंङ दोऊ सेवा टहल लहज़ी लेहती।
दंङ यीशुज़ि दोबि रुहक्ती, कांह हिसाबे अंऊ दोबि लुटेराज़ि हमला लहतेर, दी षुमु दोतु बिचंङज़ि दोऊ पड़ोसी अरी शुई?”
पर अपेहल केई धाम रमोंन ता गरीब मीहरे, टुंडे, लट्टे ए कणेतिंङ शाहधेकतु।
गयुस अतंङ साते गेह बंङज़ातग दोई ला केतिंङ नमस्कार कुट्रा। भत्ते विशवासी तु मंडली देर दोतु घरबारंङ दोआतोर। इरास्तुस अंऊ दि शहरो भंडारी तोह दंङ कारतुस हेंदु न्वा ला केतिंङ नमस्कार कुट्रा।