12 पर हे गिऊ प्यारे साथी विशवासी रे, भत्ते बे ज़रूरी दि तोह कि, कसम थाजेंई, माह स्वर्गो, माह धरतीऊ, माह ऊई चीज़ो पर केहतु गप्पा वोई ऊ वोई ए ना ऊ ना शुहबी जूंस, ताकि केरे परमेश्वरो दोरच़ी दोषी मशोंई।
अगर अरिया योंई तोह ता, केनोह चुंङ ज़ै च़रतु, ताकि अपेहल केरे ठ्रोहका शवातंई, दंङ केरे सही ढंगारंङ साते बर्ताब लेह तरपोंई दंङ परमेश्वरे केहतु न्याय माह लोहतो। ऊई बचेकी गप्पा गेह अंज़े ठीक लेह च़रपोग।
हे गिऊ प्यारे साथी विशवासी रे, धोखा थाज़ई।
हे गिऊ प्यारे साथी विशवासी रे, दि गप्पा केहच़ी ञेंई च़रतुंई; हर इच्च़ा मीह रेड्रीमी थल्जी तेयार दंङ कुट्री ए रोहष सूले शुहबी जूंस।
भत्ते बे मोह्ड़े गप्पा दि तोह कि इदि-अई दिरंङ साते महसे बे महसे दाह लंहि, छना कुचे अगर केरे मीहतंङ साते दाह लहज़ातंई, दंङ केरे हमेशा अंऊ ला पाप बि माफ लहज़िमी थल्जी तेयार बंङज़ोंई, अंऊ दोच़ी लहसी ततोर।
हे प्यारे, गिऊ दि प्रार्थना तोह कि छना काह केनोह विशवासा रिंङ तरक्की लहज़ी लेह्की तोतोंई, ध्वांए ए काह भत्ते गप्पारिंङ तरक्की लोहू, दंङ रूठे रंङ बंङज़ु।