1 हे अविशवासी साहुकारे रेड्रुंई, केरे केनातु अंजा क्लेशो टोहकठे हाऊष-हाऊष रंड्रा क्रापोंई।
ऐके ज़िरसा ए महस ठ्रोत लेहके यवाह दंङ श्रांङ कारपि लेह केट्रा, दंङ दोऊ उड़ द्चिह य्वात, दंङ दोऊ सलटे अच़ा यवात; ध्वांए साहुकार ला एनोह कमो दोरच़ी योह्सा योतो।
पर केहच़ी दुह गरीबो अपमान लहरिन, केहच़ी ञेंच़ातंई कि दि साहुकार मीहरे अंऊ केहतु टोईच़ी अत्याचार लहज़ा तोर। दोरे ए शुहर अंऊ केतिंङ ज़बरदस्ती कोर्टंङ शिलज़ा तोर।
केहच़ी अंऊ दि कुट्रातंई, “तोग या मुतंङ ञेंरे अंऊर ऊई नगरंङ इलजे दोर इच्च़ा साल बिताएपोंई, दंङ व्यापार लहच़ी ते फायदा कमाएपोंई।”
केनातु पापो वहज़ाज़ि दुखी शुई, दंङ शोक लंहि, दंङ क्रप्तेंई, केहतु बहस शोकारिंङ दंङ केहतु खुशी उदासीरिंङ लेक्सा योतो।