4 दंङ छि केहच़ी देर भेद भाव माह लांईया? केरे मदम विचाररंङ साते फेंसला लहज़ा माह शुंईयां?
प्रभु ज़ि कुंहई, “दिह अधर्मी न्यायी दोरच़ी।
मोद खांई फेंसला था लांही, पर ठीक-ठीक फेंसला लांही।”
पर अंऊ ज्ञान परमेश्वरो दोरच़ी अपा दुह मुण्डारिंङ ता पवित्र शवाह, दंङ मिलनसार, नेकी ए रूठे स्वभाव, दया, दंङ रूठे कमरंङ साते पिंङषा दंङ ईमानदार ए कपट मेह शवाह।
हे गिऊ प्यारे साथी विशवासी रे, इदि-अईदिऊ बदनामी थालंही, अंऊ एनोह न्वाऊ बदनामी लहज़ा, या न्वाऊ टोहकठे दोष लगाईचा; अपेहल केहच़ी नियम ए कानूनो टोहकठे दोष लगाएच़ातंई, दंङ काह नियम ए कानूनो माह मनेक्च़ा शुनाह, पर केनाह कानूनो न्याय लहज़ा बणेंके यवातन।